Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2017 · 1 min read

माँ की सीख – बेटी की टीस

सौ.सुमिता राजकुमार मूंधड़ा

माँ की सीख – बेटी की टीस
_____________________

कदम उठे गलत अगर मेरे,
तो मैं सहम – सी जाती हूँ।
माँ तेरी सीख याद आ जाती,
कुछ गलत नहीं कर पाती हूँ।।

दुष्कर्मों की सजा मिलती है,
दोजख सी जिंदगी कटती है।
चुकाना पड़ता लिया दिया सब,
यह सीख भूल नहीं पाती हूँ ।।

उनकी माँ ने भी सिखाया होगा,
पाठ उन्हें भी यह बचपन से,
भूल गये क्यूँ कद बढ़ते ही,
इस पाठ को अपने जीवन से।।

देते हैं तकलीफ मुझे वो,
आहत वाणी से करते हैं।
ना करती प्रतिवाद मैं उनका,
ना ही वो ईश् से डरते हैं।।

माँ तेरी सीख बड़ी निर्मल है,
पर मैं सहमी – सी रहती हूँ।
संतोष तो रहता है मन में,
पर सुकून को तरसती हूँ।।

यह क्या सीख है माँ तेरी,
कि बस ईश् पर विश्वास करु,
देर है अँधेर नहीं है वहाँ,
समय का मैं इंतजार करूँ।।

– सौ. सुमिता राजकुमार मूंधड़ा

24 Likes · 4 Comments · 5230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
रिश्तों का सच
रिश्तों का सच
विजय कुमार अग्रवाल
एक सच
एक सच
Neeraj Agarwal
*राजा राम सिंह : रामपुर और मुरादाबाद के पितामह*
*राजा राम सिंह : रामपुर और मुरादाबाद के पितामह*
Ravi Prakash
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*
*
Rashmi Sanjay
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी के दिल में चाह तो ,
किसी के दिल में चाह तो ,
Manju sagar
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
#कड़े_क़दम
#कड़े_क़दम
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदी दिवस पर विशेष
हिंदी दिवस पर विशेष
Akash Yadav
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेमदास वसु सुरेखा
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कहाँ है!
कहाँ है!
Neelam Sharma
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...