*”माँ का स्वरूप”*
“माँ का स्वरूप’
नवदुर्गा नौ स्वरूप ,
दिव्यधारणी छबि रूप ,
ललाट तिलक सोहे ,
नमन तुम्हें चरण वंदन।
अनुपम छबि मनोहारी ,
देख कर मन मोहे ,
कन्याओं का रूप धरे ,
पड़ते तुम्हारे चरण नमन।
साधना जप तप से ,
चेतन शक्ति जगाये ,
दुर्गा रूप नौ अवतारी ,
नौं स्वरूप के करे दर्शन।
जय माता दी
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