Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2019 · 1 min read

माँ अम्बे भक्तों को वर दो ।

माँ अम्बे भक्तों को वर दो ।

माँ मनमोहनि मूरत तेरी
ह्रदय बसी माँ सूरत तेरी
भक्तवत्सला मातु भवानी
अभय दान दे साहस भर दो

माँ अम्बे भक्तों को वर दो ।

पावन भाव भक्तिमय कर माँ
कर आशीष शीश पर धर माँ
जीवन ज्योति प्रकाशित कर माँ
दूर अंधेरे मन के कर दो

माँ अम्बे भक्तों को वर दो ।

जय शक्ति रूप जय बलदाता
जय महादयालू सुखदाता
घट घट वासिनि जय जगमाता
पीड़ा दुःख तमस माँ हर दो

माँ अम्बे भक्तों को वर दो ।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
1 Like · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
हर अदा उनकी सच्ची हुनर था बहुत।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
Krishna Kumar ANANT
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
वेला
वेला
Sangeeta Beniwal
वक्त
वक्त
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इतना भी खुद में
इतना भी खुद में
Dr fauzia Naseem shad
अपने दिल की कोई जरा,
अपने दिल की कोई जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
"ये दृश्य बदल जाएगा.."
MSW Sunil SainiCENA
★क़त्ल ★
★क़त्ल ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
संत रविदास!
संत रविदास!
Bodhisatva kastooriya
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2890.*पूर्णिका*
2890.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
चाहती हूं मैं
चाहती हूं मैं
Divya Mishra
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
"छोटी चीजें"
Dr. Kishan tandon kranti
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
Tarun Singh Pawar
* दिल बहुत उदास है *
* दिल बहुत उदास है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
3. कुपमंडक
3. कुपमंडक
Rajeev Dutta
संत साईं बाबा
संत साईं बाबा
Pravesh Shinde
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
Loading...