Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2020 · 1 min read

माँँ कात्यायनी

?शहर—- मुसहरवा (मंशानगर)पश्चिमी चम्पारण, बिहार
?विधा—- छंद मुक्त
?विषय— माँ कात्यायनी (षष्ठ स्वरूप)
?रचना—-

ऋषि कात्यायन के घर जन्मी, महिषासुर संहार किया।
दुष्ट दलन कर मातु चण्डिका, इस जग का उद्धार किया।।

आदिशक्ति माँ अम्ब भवानी, वर देती माँ जगदम्बे।
वर स्वरूप कात्यायन पुत्री, बन आई तू हे! अम्बे।
मोक्षदायिनी, पाप विनाशन, धर्म युक्त व्यवहार किया।
दुष्ट – दलन कर मातु चण्डिका, इस जग का उद्धार किया।।

कान्तिमान है रूप तुम्हारा, फल अमोघ देने वाली।
चतुर्भुजी माँ सिंह वाहिनी, करती सबकी रखवाली।।
महिषासुर को मार दिया माँ, देवों पर उपकार किया।
दुष्ट- दलन कर मातु चण्डिका, इस जग का उद्धार किया।।

एक हस्त कृपाण हरे माँ, दूजी वरमुद्रा धारी।
मातच ईश्वरी दर्शन दो माँ, सदा रहूं मैं बलिहारी।।
यथाशक्ति अपने आलय में, माँ तेरा सत्कार किया।
दुष्ट- दलन कर मातु चण्डिका, इस जग का उद्धार किया।।
?
#घोषणा
मैं [पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’] यह घोषणा करता हूँ कि मेरे द्वारा प्रेषित रचना मौलिक एवं स्वरचित है।
[पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’]
स्थान:- दिल्ली

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
मेरी बेटी मेरी सहेली
मेरी बेटी मेरी सहेली
लक्ष्मी सिंह
तिरंगा
तिरंगा
Neeraj Agarwal
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
क्या मागे माँ तुझसे हम, बिन मांगे सब पाया है
क्या मागे माँ तुझसे हम, बिन मांगे सब पाया है
Anil chobisa
कृषक
कृषक
Shaily
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
दो जीवन
दो जीवन
Rituraj shivem verma
سب کو عید مبارک ہو،
سب کو عید مبارک ہو،
DrLakshman Jha Parimal
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
बादल
बादल
Shankar suman
आग हूं... आग ही रहने दो।
आग हूं... आग ही रहने दो।
Anil "Aadarsh"
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
तुकबन्दी,
तुकबन्दी,
Satish Srijan
फ़ितरत
फ़ितरत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
💐Prodigy love-43💐
💐Prodigy love-43💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
manjula chauhan
दोस्ती
दोस्ती
Surya Barman
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
जहां आपका सही और सटीक मूल्यांकन न हो वहां  पर आपको उपस्थित ह
जहां आपका सही और सटीक मूल्यांकन न हो वहां पर आपको उपस्थित ह
Rj Anand Prajapati
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
*भूमिका (श्री सुंदरलाल जी: लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
Loading...