Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2017 · 1 min read

महेन्द्र सिंह कभी नहीं लिखता !

मैं लिखता हूँ …!
पर मैं कभी नहीं लिखता !

जो तोड़ते है,
वे जोड़ते नहीं !

ढाँप ली गई आँखें,
निष्पक्षता का धोतक है !

लोग धोखे में है !
पर्दे समर्पण सम्मान की झलक है,
लोग रीति से जोड़ लेते है !

घूँघट के पट खोल !
कहे तो,
पर्दा हटाये है,

देख महेन्द्र सिंह,
तेरी समझ कौन स्तर पर है !

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 363 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
-- फिर हो गयी हत्या --
-- फिर हो गयी हत्या --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
गुलामी की ट्रेनिंग
गुलामी की ट्रेनिंग
Shekhar Chandra Mitra
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
*Author प्रणय प्रभात*
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
साहित्य में साहस और तर्क का संचार करने वाले लेखक हैं मुसाफ़िर बैठा : ARTICLE – डॉ. कार्तिक चौधरी
Dr MusafiR BaithA
जाते-जाते गुस्सा करके,
जाते-जाते गुस्सा करके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
भक्ति एक रूप अनेक
भक्ति एक रूप अनेक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr.Priya Soni Khare
रिहायी कि इमरती
रिहायी कि इमरती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
Sûrëkhâ Rãthí
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
खोटे सिक्कों के जोर से
खोटे सिक्कों के जोर से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
माह सितंबर
माह सितंबर
Harish Chandra Pande
जल बचाओ , ना बहाओ
जल बचाओ , ना बहाओ
Buddha Prakash
एक संदेश बुनकरों के नाम
एक संदेश बुनकरों के नाम
Dr.Nisha Wadhwa
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
बड़ा हीं खूबसूरत ज़िंदगी का फलसफ़ा रखिए
Shweta Soni
कुछ टूट गया
कुछ टूट गया
Dr fauzia Naseem shad
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
जिंदगी में रंग भरना आ गया
जिंदगी में रंग भरना आ गया
Surinder blackpen
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Agarwal
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
Adarsh Awasthi
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
Loading...