Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2020 · 1 min read

महिला वनिता नार

प्रीत स्नेह समृद्धि सुख
सकल विश्व आधार
भिन्न रूप में पूजिए
महिला वनिता नार ।

Language: Hindi
2 Comments · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
कवि दीपक बवेजा
क्या बोलूं
क्या बोलूं
Dr.Priya Soni Khare
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
हौसला
हौसला
Monika Verma
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
लगन लगे जब नेह की,
लगन लगे जब नेह की,
Rashmi Sanjay
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
अब
अब "अज्ञान" को
*Author प्रणय प्रभात*
Sadiyo purani aas thi tujhe pane ki ,
Sadiyo purani aas thi tujhe pane ki ,
Sakshi Tripathi
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*नहीं जब धन हमारा है, तो ये अभिमान किसके हैं (मुक्तक)*
*नहीं जब धन हमारा है, तो ये अभिमान किसके हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )-
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
2434.पूर्णिका
2434.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम्हे याद किये बिना सो जाऊ
तुम्हे याद किये बिना सो जाऊ
The_dk_poetry
कर्म और ज्ञान,
कर्म और ज्ञान,
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"शेष पृष्ठा
Paramita Sarangi
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
हमें प्यार ऐसे कभी तुम जताना
हमें प्यार ऐसे कभी तुम जताना
Dr fauzia Naseem shad
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...