Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2017 · 1 min read

महावीर जयंति की हार्दिक शुभकामनाएँ

जय जिनेंद्र
महावीर जिनका नाम है,
कुण्डलपुर जिनका धाम है,
ऐसे त्रिशला नन्दन को,
हमारा शत शत बार प्रणाम है!

‘महावीर जयंती’ जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्द त्यौहार है। महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। भगवान महावीर अंतिम
तीर्थंकर थे। यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार,मार्च- अप्रैल के महीने में पड़ता है।
पंचशील सिद्धान्त के प्रर्वतक एवं जैन धर्म के चौबिसवें तीर्थकंरमहावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। जिस युग में हिंसा,.पशुबलि, जाति-पाँति के भेदभाव का बोलबाला था उसी युग में भगवान महावीर ने जन्म लिया। उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा जैसे खास उपदेशों के माध्यम से सही राह.दिखाने की ‍कोशिश की। अपने अनेक प्रवचनों से मनुष्यों का सही मार्गदर्शन किया।
नवीन शोध के अनुसार जैन धर्म की स्थापना वैदिक काल में हुई थी। जैन धर्म के वास्तविक संस्थापक ऋषभदेव थे। महावीर स्वामी ने जैन धर्म में अपेक्षित सुधार करके इसका व्यापक स्तर पर प्रचार किया।
आपको और आपके परिवार को,
महावीर भगवान् के जन्म कल्याणक की हार्दिक शुभकामनाये !
जियो और जिने दो और अहिंसा परमो धर्म
इन सभी महावीर स्वामी के उपदेश के साथ विश्व मे शांति हो इस मंगलकामना के साथ सभी जैन भाईयों को महावीर जयंति की हार्दिक शुभकामनाएँ !

Language: Hindi
Tag: लेख
682 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अजब-गजब मोहब्बतें"
Dr. Kishan tandon kranti
भाषा
भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
आप कुल्हाड़ी को भी देखो, हत्थे को बस मत देखो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
विद्यादायिनी माँ
विद्यादायिनी माँ
Mamta Rani
हमनें अपना
हमनें अपना
Dr fauzia Naseem shad
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
💐प्रेम कौतुक-283💐
💐प्रेम कौतुक-283💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
हकीकत पर एक नजर
हकीकत पर एक नजर
पूनम झा 'प्रथमा'
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अन्न का मान
अन्न का मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मा शारदा
मा शारदा
भरत कुमार सोलंकी
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
Shankar N aanjna
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
■ मिसाल अटारी-वाघा बॉर्डर दे ही चुका है। रोज़ की तरह आज भी।।
■ मिसाल अटारी-वाघा बॉर्डर दे ही चुका है। रोज़ की तरह आज भी।।
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार में
प्यार में
श्याम सिंह बिष्ट
शिव की महिमा
शिव की महिमा
Praveen Sain
Loading...