Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2016 · 2 min read

महाराजा अग्रसेन जी

अग्रसेन जी महाराज का द्वापर युग मे जन्म हुआ
राम राज्य के पदचिन्हों पर इनका भी हर कदम हुआ

देख यज्ञ में पशु बलि होते मन ने बहुत विरोध किया
तभी उन्होंने पशु बलि को ही यज्ञ में करना रोक दिया

धर्म क्षत्रिय त्याग उन्होंने वैश्य धर्म स्वीकार किया
सत्य अहिंसा के पथ पर चल अपना सेवा धर्म लिया

हुआ महाभारत का युद्ध तो पांडव का ही साथ दिया
सत्यमेव जयते का सारे ही जग को संदेश दिया

सप्तपदी से थाम लिया था नागराज पुत्री का हाथ
दिया माधवी ने भी उनका कदम कदम पर पूरा साथ

एक रूपए और एक ईंट का दिया उन्होंने नारा था
हम सब एक बराबर कहकर सबको दिया सहारा था

पुत्र अठारह थे जो उनके उनसे भी संकल्प कराये
इसीलिए ऋषि मुनियों से भी पूजा यज्ञ हवन करवाये

कर्मों के अनुरूप उन्हीं से गोत्र अठारह भी बनवाये
अर्थ उपार्जन के भी उनको रस्ते नये नये बतलाये

दयालुता और न्यायप्रियता के गुण थे उनमे भरपूर
कर्मठता और क्रियाशीलता का मुख पर दिखता था नूर

अलग रचा इतिहास उन्होंने अलग बनाई थी पहचान
मान दिलाया हमको जग हम सबके हैं वो भगवान

गोत्र हमारे गोयल ,गोइन , बंसल कंसल सिघल हैं
धारण मंदल तिंगल ऐरन जिंदल, मंगल, नांदल, हैं

मधुकुल, कुच्छल भंदल संग में गोत्र गर्ग बिंदल मित्तल,
अंग यही अग्रवाल समाज के देते सबको बेहतर कल

सबने मिलकर कदम मिलाकर, अग्रोहा इक धाम बसाया
लक्ष्मी माँ का पूजन करके इसको पावन तीर्थ बनाया

सबके मिल जुल कर रहने से अग्र समाज में मंगल हैं
और हमारे भारत का भी बहुत सुनहरा हर कल हैं

अश्विन शुक्ल प्रतिप्रदा को अग्रसेन जयंती मनाते हैं
भव्य भव्य आयोजन करके इसको भव्य बनाते हैं

अग्रवाल होने का हमको गर्व बहुत है अपने पर
अग्रसेन के आदर्शों पर हम दिखलायेंगें चलकर

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद (उप्र)

2 Likes · 1 Comment · 2411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
दुखों का भार
दुखों का भार
Pt. Brajesh Kumar Nayak
■
■ "बेमन" की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
Ms.Ankit Halke jha
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जनैत छी हमर लिखबा सँ
जनैत छी हमर लिखबा सँ
DrLakshman Jha Parimal
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2367.पूर्णिका
2367.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"जब मानव कवि बन जाता हैं "
Slok maurya "umang"
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
पास आएगा कभी
पास आएगा कभी
surenderpal vaidya
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
सितारों की तरह चमकना है, तो सितारों की तरह जलना होगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
प्रेम पर बलिहारी
प्रेम पर बलिहारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं जिससे चाहा,
मैं जिससे चाहा,
Dr. Man Mohan Krishna
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
*डमरु (बाल कविता)*
*डमरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
अनुराग
अनुराग
Sanjay ' शून्य'
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
Loading...