महात्मा गांधी:वन मैन आर्मी
माना कि वह मोहनदास करमचंद गांधी
एक खुसट और सठियाया हुआ बुढ़ा था,
उसके व्यक्तित्व और क्रियाकलापों में
बहुत सी कमियां थीं,
उसने इस देश और समाज को
जाने-अंजाने कई नुकसान पहुंचाए
और उसके सड़ियल विचारों से
हमारे विचारों का
दूर दूर तक कोई तालमेल नहीं बैठता।
लेकिन हम करें भी तो क्या
हमें सबको साथ लेकर चलना है न!
हम ऐसे किसी को छोड़ तो नहीं सकते हैं न!
एक और जरूरी बात
कोई एक ऐसा झंडा तो चाहिए न
जिसके नीचे परस्पर विरोधी विचारों के
लोग भी कुछ देर तक साथ खड़े रह सकें।
आप ही जरा दिल पर हाथ रख कर सोचिए
विद्यालयों, पुस्तकालयों और कार्यालयों में
अब हम नाथूराम गोडसे की तस्वीर तो
नहीं लगा सकते हैं न..!
-Shekhar Chandra Mitra