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28 Feb 2018 · 1 min read

महात्मा गाँधी जयंती पर कविता

अहिंसा के पुजारी गाँधी को; नमन हमारा है।
ये देश है बलिदानों का;जो प्राणों से प्यारा है।।

देखा था बापू जी ने ;जो देश खातिर सपना।
किये कई आंदोलन पर;हुआ न कोई अपना।।

पहला सपना था मेरे बापू जी का;स्वच्छ भारत की छवि। नशामुक्त समाज,रोजगार थे दूजे तीजे;बतला रहा है कवि।।

तो आज भी है ये मुद्दे; हम सब लोगों पर भारी।
इसलिए हर जगह फैली;भुखमरी और महामारी।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377

Language: Hindi
177 Views
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