मन मौसम सा
जिसका मन
मौसम सा बदले ।
उस पर कभी
विश्वास न करना ।।
जो न बात की
कीमत समझे ।
उससे कभी कुछ
आस न करना ।।
जिसका स्वयं पर
जोर चले ना ।
उससे सौदा
खास न करना ।।
जो मूरख मुखिया
से शासित ।
उस नगरी में
वास न करना ।।
पत्थर दिल इंसान
हो उससे ।
करुणा का
आभास न करना ।।
जिसका मन
मौसम सा बदले ।
उस पर कभी
विश्वास न करना ।।