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19 Nov 2017 · 1 min read

मन में कितने भ्रम पाले हुए है

मन में कितने भ्रम पाले हुए है
भूखे सो रहे है फुथपाथ में इंसान
पत्थर को चढे निवाले हुए है
सिकुड़ के मर रहा ठंड में इंसान
पत्थर को वस्त्र डाले हुए है
मर रहा गरीबी में इंसान
नोटों के बंडल पत्थर पर सम्भाले हुए है
मुराद पूरी हुई नही वर्षों से
भूखे पेट सोने वालों की
दो दिन के व्रत से खुद को
भक्त बताने वाले हुए है

भूपेंद्र रावत
5।11।2017

Language: Hindi
1 Like · 365 Views
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