Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

मन चंचल मन शैतां होता

विषय:मन
विधा:गीत
छंद-चौपाई
मन चंचल मन शैतां होता।
मन रमता मन भी है खोता।।
*********************
मन की गति कोई नहिं पाये।
मन क्षण में भ्रमण कर आये।‌
मन से उतर गया जो कोई।
नहीं सुहाता पल भर सोई।।
मन निर्मल ओ काला होता।
मन चंचल मन शैतां होता।।
*******************
गम से बोझिल जब होता मन।
दुख से मन ही मन रोता मन।।
जब उल्टी सीधी है करता ।
इस दुनिया को वहुत अखरता ।।
कहते सब उसका मन खोता।
मन चंचल मन शैतां होता।।
*********************
मन पर जोर नहीं चलता है।
मन स्वच्छंद स्वत:बढता है।
मन सपनों के महल बनाता।
सुंदर-सुंदर सपन सजाता।।
मन ही मन सब बीजक बोता।
मन चंचल मन शैतां होता।।
?❤️?
अटल मुरादाबादी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
"रंग वही लगाओ रे"
Dr. Kishan tandon kranti
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
तू ही बता, करूं मैं क्या
तू ही बता, करूं मैं क्या
Aditya Prakash
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
फिलिस्तीन इजराइल युद्ध
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ॐ
Prakash Chandra
रिश्ता ख़ामोशियों का
रिश्ता ख़ामोशियों का
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्यार नहीं दे पाऊँगा
प्यार नहीं दे पाऊँगा
Kaushal Kumar Pandey आस
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
*Author प्रणय प्रभात*
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काले समय का सवेरा ।
काले समय का सवेरा ।
Nishant prakhar
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भूल भूल हुए बैचैन
भूल भूल हुए बैचैन
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नया युग
नया युग
Anil chobisa
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
ruby kumari
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और  गृह स्
स्वयं द्वारा किए कर्म यदि बच्चों के लिए बाधा बनें और गृह स्
Sanjay ' शून्य'
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
घिन लागे उल्टी करे, ठीक न होवे पित्त
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
3035.*पूर्णिका*
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
स्थायित्व कविता
स्थायित्व कविता
Shyam Pandey
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...