मन की गली गली में,
मन पन्नो पे बस,
तेरी लिए ही कलम चले है l
मन की गली गली में,
बस तेरी महक ले,
पवन चले है l
जीवन बगिया में ,
तेरे रूप का, रस रंग ले,
कलियाँ फूल फल, फले है l
तेरी अदायें याद कर कर,
दिन उगे है, दिन ढले है ,
निशा जले है l
मन की रग रग में ,
प्रीत गुलाबी गुलाबी रक्त,
मस्त मचले मचले है l
तेरे विरह में ,
पल पल गम जम जम,
जीवन खले है l
तेरा रूप निहार निहार,
प्रेम प्यास का,
बस चलन चले है l
मन पन्नो पे बस,
तेरी लिए ही कलम चले है l
अरविन्द व्यास “प्यास”