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20 Jan 2018 · 1 min read

मन की उड़ान मत रोको

मन की उड़ान मत रोको यह सकूं देती है
सिक्कों की खनकार लहू पी लेती है।

फुर्सत के लम्हे जी लो जी कर के जानो
भाग दौड़ की दुनियां सदमे देती है।

हंस हंस कर न फँसना दुनियां वालों से
दुनिया हर लम्हे का बदला लेती है।

तन्हा दिल है ,तन्हा दिल की बात सुनो
वरना बदले में दुनिया क्या देती है।

विपिन

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