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25 Jan 2017 · 1 min read

मन का वृक्ष

मैं,
हूं,
एक,
छोटा सा,
तरू तुम्हारे,
आंगन का देखो,
तुम पानी देते रहना,
समय समय पर नहीं तो,
मै मर जाऊंगा बिन देखभाल,
खाद, धूप, प्यार, साथ के तुम्हारे,
जब भी,
पीला,
पत्ता,
टूट,
कर,
गिरे,
जान,
लेना,
कि मुझे,
अकेलापन,
भारी पड़ रहा,
बस प्यार की बारिश,
करना मै फलित हो जाऊंगा ||
अमित मौर्य +91-7849894373

Language: Hindi
490 Views
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