Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2018 · 1 min read

मन का मीत किसे बनाओगी ? आर के रस्तोगी

मिले न जब मन का मीत,मनमीत तुम किसे बनाओगी ?
मै मीरा बनकर अपने मनमोहन को मनमीत बनाऊँगी

जब तोड़ दे कोई ह्रदय तुम्हारा,फिर किसके द्वार तुम जाओगी ?
जब तोड़ेगा कोई ह्रदय मेरा,अपने द्वारकाधीश के द्वार जाऊंगी

जब मिले न कोई संग-साथ,फिर किसको संगीत सुनाओगी ?
जब मिलेगा न कोई संग-साथ,मीरा बनकर भजन सुनाऊंगी

जब भेजेगा कोई विष का प्याला,उसको कैसे तुम पी पाओगी ?
जब भेजेगा कोई विष का प्याला,अमृत समझ कर पी जाऊंगी

जब कोई न याद करे तुम्हे,फिर किसकी याद में आंसू बहाओगी ?
जब कोई न याद करे मुझे,फिर सांवरे की याद में आंसू बहाऊंगी

जब छोडोगी ये संसार,फिर किस से तुम अंतिम संस्कार कराओगी ?
जब छोडूंगी ये संसार,मै अपने सलोने से अंतिम संस्कार कराऊंगी

आर के रस्तोगी
मो 9971006425

Language: Hindi
503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
पति
पति
लक्ष्मी सिंह
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
Vishal babu (vishu)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
आई दिवाली कोरोना में
आई दिवाली कोरोना में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
रोटी रूदन
रोटी रूदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
Ravi Prakash
कूल नानी
कूल नानी
Neelam Sharma
आँखें
आँखें
Neeraj Agarwal
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
चंचल पंक्तियाँ
चंचल पंक्तियाँ
Saransh Singh 'Priyam'
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
पूर्वार्थ
मुझे सोते हुए जगते हुए
मुझे सोते हुए जगते हुए
*Author प्रणय प्रभात*
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
3115.*पूर्णिका*
3115.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महसूस खुद को
महसूस खुद को
Dr fauzia Naseem shad
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
Manisha Manjari
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
तू रुक ना पायेगा ।
तू रुक ना पायेगा ।
Buddha Prakash
Loading...