Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2017 · 1 min read

मनुआँ काला, भैंस-सा

गंगाजल के बीच में, तन धोबें बन भैंस |
मनुआँ काला, भैंस-सा,जे अच्छे या भैंस ||

……………………………………………….

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक”कृतियों के प्रणेता
जागा हिंदुस्तान चाहिए कृति की पंक्तियाँ
28-06-2017

● उक्त पंक्तियाँ जागा हिंदुस्तान चाहिए काव्य संग्रह में भी पढ़ी जा सकती हैं।

● “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 950 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
सखी री, होली के दिन नियर आईल, बलम नाहिं आईल।
सखी री, होली के दिन नियर आईल, बलम नाहिं आईल।
राकेश चौरसिया
"सुस्त होती जिंदगी"
Dr Meenu Poonia
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कहीं साथी हमें पथ में
कहीं साथी हमें पथ में
surenderpal vaidya
२९०८/२०२३
२९०८/२०२३
कार्तिक नितिन शर्मा
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐अज्ञात के प्रति-127💐
💐अज्ञात के प्रति-127💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की
महान कथाकार प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता खण्डित थी, ’बड़े घर की
Dr MusafiR BaithA
राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"सस्ते" लोगों से
*Author प्रणय प्रभात*
अरमान
अरमान
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कितने इश्क़❤️🇮🇳 लिख गये, कितने इश्क़ सिखा गये,
कितने इश्क़❤️🇮🇳 लिख गये, कितने इश्क़ सिखा गये,
Shakil Alam
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
आभरण
आभरण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
प्रेमदास वसु सुरेखा
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बूझो तो जानें (मुक्तक)
बूझो तो जानें (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
भारत है वो फूल (कविता)
भारत है वो फूल (कविता)
Baal Kavi Aditya Kumar
Loading...