मध्य वर्ग
ओ मध्य वर्ग ओ मध्य वर्ग
तू कब सुधरेगा मध्य वर्ग
सरकारी नौकरी चाकरी
के चक्कर में
बाबूगीरी कब तक करेगा
मध्य वर्ग ।
ना तू आसमान
ना तू धरती
बादल बन कब तक
इधर उधर फिरेगा
मध्य वर्ग
परिहास उड़ाते दोनों तेरा
तू कब समझेगा मध्य वर्ग ।
थोड़ी कमाई ,थोड़ी बेहयाई
ऐसे कब तक
पेट भरेगा मध्य वर्ग
धन कमाऊ संतान पैदा
कर रहा
इंसान कब पैदा करेगा
मध्य वर्ग ।
समाजिक स्टेटस के
झूठे अहम से नीचे कब
उतरेगा मध्य वर्ग
धर्म का डंडा
जाति का डंडा
वोट का डंडा
कब तक सहेगा मध्य वर्ग
माँ बाप को छोड़ रहा
सारे रिस्ते तोड़ रहा
समाज का ताना बाना
तोड़ कर
कब सब की सोचेगा
मध्य वर्ग।
नेताओं के भ्रष्ट का माध्यम
उद्योगपतियों की
लूट का साधन
गिरवी रखकर
जमीर को अपनी
इन हाथों का खिलौना
कब तक बनेगा मध्य वर्ग..?