Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 1 min read

मधुशाला छंद में हास्य हल्का सा

एक कोशिश मधुशाला छंद पर
16 व् 14 पर यति अंत 2 गुरु से।
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
प्रेमचन्द की पूस रात सी शीत लहर ये आली है।
गाली दे दे चाय बनायें मुश्किल से घर वाली है।
कौन रज़ाई से निकलेगा चाय बनाने के खातिर।
सिकुड़े सिकुड़े बैठे बैठे तलब चाय की पाली है।
*
आखिर हम ही बाहर निकले यारा चाय बनाने को।
जिमि सरहद पर बैठा सैनिक अपनी धाक जमाने को।
चाय बनी तो सजनी बोली जानू कितने अच्छे हो।
उपवासो का पूण्य मिला जो किये तुमें ही पाने को।
*
मैं बोला मुझको भी जानम ,सचमुच में पछतावा है।
किये नही उपवास कभी जो, माना एक दिखावा है।
थोड़े बहुत किये होते तो हमको भी कुछ मिल जाता।
हम भी क्यों कहते फिरते फिर किस्मत एक छलावा है।
*
लेकिन अब क्या हो सकता है निकल गई सारी बाते।
कितने सावन सूखे निकले कितनी बीती बरसाते।
मजबूती इतनी दी तुमने अब सब कुछ सह लेता हूँ।
नही सताते अब मुझको दिन सर्दी गर्मी की राते।
*
देखो जानम सब सखियाँ मेरी मुझसे जलती है।
पतिदेव मिले परमेश्वर तो ,बस इसको ही कहती है।
घर का सारा काम करें जो कितनी मोहब्बत आपस में।
घर पर जाकर अपने अपने पति पर ताना कसती है।
*
सुनलो जानू सच बोलूँ तो ,पूरा मजनूँ जमता हूँ।
आफताब सी तुम हो प्यारी मैं तो
जुगनू दिखता हूँ।
क्या बिसात है तेरे आगे मेरी दीख चमक जाए।
तुम फूली फ़ूली लगती हो , मैं तो फुकनू लगता हूँ।

******मधु गौतम

Language: Hindi
Tag: गीत
1639 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2438.पूर्णिका
2438.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सपने सारे टूट चुके हैं ।
सपने सारे टूट चुके हैं ।
Arvind trivedi
फितरत कभी नहीं बदलती
फितरत कभी नहीं बदलती
Madhavi Srivastava
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
डार्क वेब और इसके संभावित खतरे
डार्क वेब और इसके संभावित खतरे
Shyam Sundar Subramanian
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
" जीवन है गतिमान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
🌸Prodigy Love-48🌸
🌸Prodigy Love-48🌸
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
Ravi Prakash
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
ज़िंदगी तेरा
ज़िंदगी तेरा
Dr fauzia Naseem shad
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
वक़्त आने पर, बेमुरव्वत निकले,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"शुक्रगुजार करो"
Dr. Kishan tandon kranti
मच्छर दादा
मच्छर दादा
Dr Archana Gupta
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
झूठ बोलते हैं वो,जो कहते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
-0 सुविचार 0-
-0 सुविचार 0-
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
यही तो मजा है
यही तो मजा है
Otteri Selvakumar
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
Jay prakash
Jay prakash
Jay Dewangan
Loading...