Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2018 · 1 min read

मधुर – मधुर मन्द – मन्द

….. त्रिपद छन्द ….. ( ठुमक चलत रामचन्द्र ) से प्रेरित

मधुर- मधुर मन्द- मन्द , मोहन मुस्कायें
मोर मुकुट तिलक भाल
वैज्यन्ती कण्ठ माल
नूपुर ध्वनि ठुमक चाल , छम- छम थिर धायें

चपल नयन चञ्चल मन
श्याम केश श्यामल तन
करधनि कटि पीत वसन , कुण्डल झलकायें

मचल- मचल भूमि लोटि
खींचत लट झपट चोटि
लीला धर कोटि- कोटि , मटक- मटक जायें

मुँड़- मुँड़ हँस किलक जात
लुक छिप सँग हँसत भ्रात
माँखन मुख लेप गात , अनुपम सुख पायें

मुरली धुन साम- ताल
नाचत भूतल त्रिकाल
गोपिन सँग ग्वाल- वाल ,रुन- झुन मिल गायें

कौतुकमय बाल रूप
निरख नन्द छवि अनूप
पुलक- पुलक लिपट धाय , जसुमति दुलरायें

साम- ताल का अभिप्राय सामवेद के संगीत से है

डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
लखनऊ

454 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बदलते दौर में......
बदलते दौर में......
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
Vishal babu (vishu)
समय सीमित है इसलिए इसे किसी और के जैसे जिंदगी जीने में व्यर्
समय सीमित है इसलिए इसे किसी और के जैसे जिंदगी जीने में व्यर्
Shashi kala vyas
यादों को याद करें कितना ?
यादों को याद करें कितना ?
The_dk_poetry
बे-आवाज़. . . .
बे-आवाज़. . . .
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-409💐
💐प्रेम कौतुक-409💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Sakshi Tripathi
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
2597.पूर्णिका
2597.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
Paras Nath Jha
*मतदान-त्यौहार 【कुंडलिया】*
*मतदान-त्यौहार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Sukoon
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
प्यार की दिव्यता
प्यार की दिव्यता
Seema gupta,Alwar
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
■ दोहे फागुन के...
■ दोहे फागुन के...
*Author प्रणय प्रभात*
आशा
आशा
Sanjay ' शून्य'
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
Neelam Sharma
कलम की ताकत और कीमत को
कलम की ताकत और कीमत को
Aarti Ayachit
निरुपाय हूँ /MUSAFIR BAITHA
निरुपाय हूँ /MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मासूमियत
मासूमियत
Punam Pande
Loading...