Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2017 · 3 min read

मदरसा

फागुन महीने का तीसरा शुक्रवार | आज ही होलिका दहन होगा और कल रंग खेला जायेगा | पूरे गाँव में उल्लास और उत्साह का माहौल है | हर घर से गुझिया और नमकीन बनने की महक आ रही है | कहते हैं न, त्यौहार बच्चों कि आँखों में पलते हैं और उनके दैनिक व्यवहार में पनाह पाते हैं | समूचा गाँव बच्चा हो गया है और बच्चे पिचकारी | पूरे गाँव के रिश्ते फागुनी हो गए हैं, सभी मरद देवर हैं और सभी औरतें भौजाई | होली भाईचारे का त्यौहार है जहाँ धरम, जाति-बिरादरी, उंच-नीच, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब सब पर बेलन चल जाता है और सभी एक समान हो जाते हैं | एक रंग में रंगा इंसान, दलित है या सामान्य, हिन्दू है या मुसलमान कोई नहीं पहचान सकता | गाँव की इसी रवायत को निभाते हुए इस साल भी पांच मन लकड़ी होलिका दहन के लिए मस्जिद की ओर से और पांच मन मंदिर की ओर से आ गई है | गाँव में बने नए नए मदरसे में हिन्दुओं ने जिस तरह से तन, मन, धन से मदद की उसकी मिसाल आस पड़ोस में दी जा रही है | घसवारी गाँव की गंगा-जमुनी तहजीब में ईद, मुहर्रम, दिवाली, दशहरा, होली सब गड्ड-मड्ड हैं |
जुमे कि नमाज़ अदा करके लौटते कल्लन, रईस, जावेद, इद्दू, शहजादे के चेहरे चमक रहे हैं, इन छोटे बच्चों का यह चौथा जुमा है | सफ़ेद कुरता पायजामा और गोल टोपी में दमकते इन बच्चों के साथ गाँव के रतन, किशुन, प्रकाश, कल्लू, नन्दू और जोरावर कबड्डी खेलने को आकुल हैं | ये गाँव की छोटी पार्टी की सबसे तगड़ी कबड्डी की टीम है | लेकिन ये सारे पूरी तरह से आज होली खेलने के मूड में हैं | और ये क्या किशुन ने इद्दू के कुरते पर रंग डाल दिया | होली है भाई होली है….

किशुन ! पगला गए हो का ? इद्दू का गेहुआं रंग लाल हो आया |

नहीं भाई होलिया गए हैं, नंदू ने चुटकी ली |

तुम तो चुप ही रहो नंदू, जावेद ने कालर पकड़ ली |

जानते नहीं तुम होली खेलना हमारे यहाँ हराम है | कल्लन हांफ रहा था |
रतन ने बीच बचाव किया तो उसे जोर का धक्का लगा |

मदरसे वाले मौलवी साहेब कहते हैं काफिरों के साथ रंग खेलने से आदमी दोज़ख में जाता है | शहजादे ने किशुन को थप्पड़ रसीदा |
वो देखो हाजी चच्चा आ रहे हैं, प्रकाश चिल्लाया तो सब रुक गए |

चच्चा…. चच्चा…., किशुन ने इद्दू को रंग लगा दिया तो वह लड़ने लगा | और सब मारपीट करने लगे | कहते हैं हम रंग नहीं खेलेंगे, मगर..मगर आप तो हमेश काका और ताऊ जी से रंग लगवाते हैं | इन्हें समझाइए न, कि ये भी हमारे साथ होली खेलें | ये हमारी टीम के सबसे उम्दा खिलाडी हैं | इन्हें समझाइए न चच्चा, प्लीज़…. प्रकाश की आँखे पनिया आईं |

ओप्फोह…अरे भाई तुम लोग हमारे लगा दो, बस | अब तो कोई शिकायत नहीं हैं, हाजी का वात्सल्य छलक गया | फिर, फिर तुम्हें भी तो सोचना चाहिए था कि उसका नया नया कुरता है |

नहीं अब्बू, बात कुरते कि नहीं थी, वो तो अम्मी धो देतीं | अच्छा, चलो मैं लगवा लेता हूँ, मगर मेरी एक शर्त है, मुझे सिर्फ हरा रंग ही लगाना | इद्दू का दुलार बाप के गमछे में लिपट गया |

क्यूं इद्दू ? हरा रंग ही क्यों बेटा ? हाजी की आँखों में रेत ही रेत भर गई |

इद्दू ने बड़ी मासूमियत से कहा, अब्बू हम मुसलमान हैं न |

रचनाकार-प्रदीप तिवारी ‘धवल’
9415381880

Language: Hindi
828 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भेड़ चालों का रटन हुआ
भेड़ चालों का रटन हुआ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
■ संडे इज द फन-डे
■ संडे इज द फन-डे
*Author प्रणय प्रभात*
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
*सुभान शाह मियॉं की मजार का यात्रा वृत्तांत (दिनांक 9 मार्च
Ravi Prakash
महोब्बत का खेल
महोब्बत का खेल
Anil chobisa
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
Er.Navaneet R Shandily
उसने कहा....!!
उसने कहा....!!
Kanchan Khanna
* प्यार की बातें *
* प्यार की बातें *
surenderpal vaidya
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
फितरत इंसान की....
फितरत इंसान की....
Tarun Singh Pawar
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
दुष्यन्त 'बाबा'
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
*कभी उन चीजों के बारे में न सोचें*
नेताम आर सी
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
देशभक्त मातृभक्त पितृभक्त गुरुभक्त चरित्रवान विद्वान बुद्धिम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"संयम की रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
Bahut hui lukka chhipi ,
Bahut hui lukka chhipi ,
Sakshi Tripathi
=*तुम अन्न-दाता हो*=
=*तुम अन्न-दाता हो*=
Prabhudayal Raniwal
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
2721.*पूर्णिका*
2721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहे- माँ है सकल जहान
दोहे- माँ है सकल जहान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
छटपटाता रहता है आम इंसान
छटपटाता रहता है आम इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...