Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2020 · 1 min read

मत लो मज़ाक में (भाग 1)

मत लो अब मजाक में,सहयोग करो बचाव में।
जागो, अब ना मौजी बनो,कोरोना की मार में।।
जब बहुत हँस लिये,देख पड़ौसी जलते हुये।
हंसी नही,खांसी है, देख तमाशा बहुत हुये।
अब उनकी बारी है, लग जाओ पूर्ण तैयारी में।
मत लो अब मजाक में, सहयोग करो बचाव में।।
सबको इतना करना है, दूरी बनाकर रखना है।
हाथों को हर बार धोना है,छूने से ही बचना है।
ना अब भीड़ जमाओ,ना निकालो बाज़ार में।
मत लो अब मजाक में, सहयोग करो बचाव में।।
सोच हमारी जब बदलेंगे,हम संकट से लड़ लेंगे।
खुले में ना खाँसे छिंखे,मास्क लगाना अब सीखें।
इकठ्ठे होकर न बतियाओ, कोरोना की मार में।
मत लो अब मज़ाक में, सहयोग करो बचाव में।।
रोग से बचना भलाई, चिकित्सक की ये समझाई।
दूरी तन की अब बनाओ,मन को यूं ही समझाओ।
एकांत रहने की आदत डालो,कोरोना की मार में।
मत लो अब मज़ाक में, सहयोग करो बचाव में।।
रचनाकार:-‘डॉ.शिव लहरी’

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 680 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. शिव लहरी
View all
You may also like:
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
भय के कारण सच बोलने से परहेज न करें,क्योंकि अन्त में जीत सच
Babli Jha
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
गुज़रा है वक्त लेकिन
गुज़रा है वक्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
श्री गणेश का अर्थ
श्री गणेश का अर्थ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहानी। सेवानिवृति
कहानी। सेवानिवृति
मधुसूदन गौतम
सावन आया
सावन आया
Neeraj Agarwal
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कभी कभी प्रतीक्षा
कभी कभी प्रतीक्षा
पूर्वार्थ
■ अटपटी-चटपटी...
■ अटपटी-चटपटी...
*Author प्रणय प्रभात*
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
जल संरक्षण
जल संरक्षण
Preeti Karn
2638.पूर्णिका
2638.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"दलित"
Dr. Kishan tandon kranti
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अनुभव
अनुभव
Sanjay ' शून्य'
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
देशभक्ति
देशभक्ति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
!! एक चिरईया‌ !!
!! एक चिरईया‌ !!
Chunnu Lal Gupta
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...