Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2017 · 1 min read

मत्तागयन्द/मालती छंद

1
मौसम आज करे मदहोश बयार चली बहकी बहकी सी
घूँघट खोल रही कलिका लगती कितनी चहकी चहकी सी
फूल खिले उड़ती खुशबू लगती बगिया महकी महकी सी
लाल हुई गुलमोहर की हर डाल लगे दहकी दहकी सी
2

मात पिता गम दूर भगा कर दामन में खुशियाँ भरते हैं
संतन की उँगली पकड़े उनके सँग राह सभी चलते हैं
काम बड़े दिन रात करें न कभी लगता वह तो थकते हैं
क्षीण वही जब हो तब बोझ बने घर में सहमे रहते हैं
3
अम्बर आज अबीर गुलाल उड़े मन पागल सा इतराये
ओढ़ बसंत नई चुनरी इक दुल्हन सा लगता शरमाये
गान करें भँवरे मनभावन फागुन ये सबके मन भाये
और रँगीन फुहार भिगो तन याद पिया अब खूब दिलाये

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
699 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
నా గ్రామం..
నా గ్రామం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संत गाडगे संदेश 2
संत गाडगे संदेश 2
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
Anil Mishra Prahari
■ बदलता दौर, बदलती कहावतें।।
■ बदलता दौर, बदलती कहावतें।।
*Author प्रणय प्रभात*
तुम्हें आती नहीं क्या याद की  हिचकी..!
तुम्हें आती नहीं क्या याद की हिचकी..!
Ranjana Verma
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
नजरिया-ए-नील पदम्
नजरिया-ए-नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
तप त्याग समर्पण भाव रखों
तप त्याग समर्पण भाव रखों
Er.Navaneet R Shandily
मर्द रहा
मर्द रहा
Kunal Kanth
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
*आगे आनी चाहिऍं, सब भाषाऍं आज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2624.पूर्णिका
2624.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
विशेष दिन (महिला दिवस पर)
Kanchan Khanna
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
💐अज्ञात के प्रति-6💐
💐अज्ञात के प्रति-6💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वक्त एक हकीकत
वक्त एक हकीकत
umesh mehra
बाधा को 'चल हट' कहता है,
बाधा को 'चल हट' कहता है,
Satish Srijan
और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
Sonu sugandh
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...