13 रागनी मतना पिवै शराब पिया :- लेखक मनजीत पहासौरिया
राम राम मित्रौ
जैसा कि हमारे समाज मे आज नशे का कहर छाया है! इसी पर आधारित आपके बीच मे छोटी सी रचना , जिसमे एक शराबी का हाल दृश्या है कोई गलती हो तो अपना छोटा भाई ,बच्चो के समान समझ कर माफ करना….!!
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मतना पिवै शराब पिया, करदी जिन्दगी बरबाद सारी
बसा बसया घर उझाड़गा, लागी जब तै या बुरी बिमारी..!!टेक!!
करले कोये काम धन्दा, मतना इस जिन्दगी नै खोवै,
तेरै नाम की मोज मस्ती, घरा भुखे मरते बाळक सोवै,
मात पिता ये करमा नै रोवै, बता किसनै तेरी या मत मारी..!!१!!
करदी रे रे माटी कुणबे की, हाल देख ब्याही बीर का,
नशा नाश की राही हो सै, करदे नाश इस शरीर का,
भेद रहया ना इस जमीर का, आज बनगा ठग जुवारी..!!!२!!
तेरे घर तै दुर किनारा करज्या, सारे ये गोती नाती,
शराबी मानष का दूनियां मै, कोये बणता नही हिमाती,
मूहं तै हरदम बदबू आती, फेर भी कू लागै इतनी प्यारी..!!३!!
तू पीकै रोज मूत आवै, न्यू दूनियां ताने मारा करै,
आछी बूड़ी बककै नै, तरी नकल घणे तारा करै,
मनजीत पहासौरिया बख्त बिचारा करै, पड़ै मुशिबत जब भारी ..!!४!!
रचनाकार :-प़ं मनजीत पहासौरिया
फोन न० :- 9467354911