मजहब के नाम न बैर बढ़ाओ
मजहब के नाम न बैर बढ़ाओ, इंसान का इंसान से
सब मालिक के वन्दे हैं,दिल में सोचो ध्यान से
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु,सब नाम हैं एक शक्ति के
अलग अलग पध्दति से,सब भक्त हैं एक शक्ति के
काफिर कहकर मत रेतो, गला किसी इंसान का
मत आतंक बढ़ाओ जग में,ये काम नहीं इंसान का
सुरेश कुमार चतुर्वेदी