Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2020 · 1 min read

मजदूर

…मजदूर…
मजदूर हूँ
पर मजबूर नहीं हूँ,
अपनों से दूर हूँ
इसलिए
भूख से कम
अपनों के लिए ज्यादा
परेशान हूँ।
थककर चूर भी हूं
भूख से बेहाल भी हूँ,
फिर भी परिवार के
सकुशल होने की आस में भी हूँ,
तभी सुकून में
घर की ओर बढ़ भी रहा हूँ।
कुछ अच्छे कुछ बुरे भी
हैं जमाने में,
तभी तो हम भी हैं
दुनिया के आशियाने में।
किसी ने भोजन, पानी
किसी ने मान दिया
किसी ने प्यार से
सोने का स्थान दिया।
सुबह अपनेपन से विदा किया
अधिक नहीं लेकिन
दिन भर की भूख मिटाने का
सामान दिया।
इसीलिए निःसंकोच
पूरे विश्वास से आगे बढ़ रहा हूँ,
अपनों के बीच होने की
उम्मीदों में जी रहा हूँ।
किसी दिन तो
मंजिल को पर पहुँच जाऊँगा,
अपनों को पाकर धन्य हो जाउँगा।
✍सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा(उ.प्र.)
8115285921

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काश
काश
लक्ष्मी सिंह
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
You are not born
You are not born
Vandana maurya
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
#नवगीत-
#नवगीत-
*Author प्रणय प्रभात*
पिता का पेंसन
पिता का पेंसन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
Taj Mohammad
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
मंजिल एक है
मंजिल एक है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हाँ, तैयार हूँ मैं
हाँ, तैयार हूँ मैं
gurudeenverma198
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
*खेलते हैं दूसरी पारी, नमन है आपको (मुक्तक)*
*खेलते हैं दूसरी पारी, नमन है आपको (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
AMRESH KUMAR VERMA
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक-304💐
💐प्रेम कौतुक-304💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हार भी स्वीकार हो
हार भी स्वीकार हो
Dr fauzia Naseem shad
खेत का सांड
खेत का सांड
आनन्द मिश्र
अफसाने
अफसाने
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यकीन
यकीन
Sidhartha Mishra
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2797. *पूर्णिका*
2797. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
घाटे का सौदा
घाटे का सौदा
विनोद सिल्ला
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
Loading...