Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2021 · 1 min read

मजदूर हूँ मजबूर हूँ – कोरोना काल में लिखी गयी रचना

मजदूर हूँ मजबूर हूँ

मजदूर हूँ मजबूर हूँ इस देश की संतान हूँ
सरकार को समझना होगा मैं भी एक इंसान हूँ |

एक निवाला रोटी नहीं , ने ही पीने को पानी है
कोरोना की इस त्रासदी में , ये कैसी जिंदगानी है |

घर के बेटो को पराया कर दिया सरकार ने
परदेशी बेटों को बिठाया सिर माथे सरकार ने |

हमसे चलता है देश , ये सरकार को समझाइये
मानव अधिकार संस्थाएं होश में तो आइये |

क्यूं कर एक गरीब का बच्चा जन्मा सड़क पर
टुकड़ों – टुकड़ों में बाँट गया , एक मजदूर सड़क पर |

पीर दिखती नहीं किसी को, कोई तरस तो खाइए
मजदूर हूँ मजबूर हूँ , इंसानियत के वास्ते जागिये |

ये जिन्दगी का कैसा सफ़र , मौत से बदतर
नेता सुरक्षित महलों में , गरीब सब मर जाइए |

न सर पर छत न पेट में रोटी , जाएँ तो जाएँ कहाँ
गरीब की बद्दुआ न लग जाए , होश में तो आइये |

मजदूर हूँ मजबूर हूँ इस देश की संतान हूँ
सरकार को समझना होगा मैं भी एक इंसान हूँ |

एक निवाला रोटी नहीं , ने ही पीने को पानी है
कोरोना की इस त्रासदी में , ये कैसी जिंदगानी है ||

Language: Hindi
2 Likes · 8 Comments · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐Prodigy Love-36💐
💐Prodigy Love-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
नवगीत
नवगीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■ आज का चिंतन...
■ आज का चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
दानी
दानी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
The Moon!
The Moon!
Buddha Prakash
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Harminder Kaur
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
Red is red
Red is red
Dr. Vaishali Verma
मुझ पर तुम्हारे इश्क का साया नहीं होता।
मुझ पर तुम्हारे इश्क का साया नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
रिश्तों की रिक्तता
रिश्तों की रिक्तता
पूर्वार्थ
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
gurudeenverma198
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/18.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जीवन चलती साइकिल, बने तभी बैलेंस
जीवन चलती साइकिल, बने तभी बैलेंस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...