Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2016 · 2 min read

मजदूर (कर्म पुजारी)—डी. के. निवातियाँ

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

उठ चलता हूँ रवि संग
हर पल ताप सहता हूँ
भूख तृष्णा मेरे दोस्त
जीवन भर संग रहता हूँ

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

कर्म पथ पर चलना धर्म
अनुबंध ताउम्र निभाता हूँ
सुख दुःख हो लाभ हानि
मंद मुस्कान से जी जाता हूँ !!

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

मुझ से ही बने जो धनाढ्य
उनके हाथो दुत्कारा जाता हूँ
रहता हूँ मस्त मलंग कुछ में
नहीं ज्यादा को हाथ फैलाता हूँ

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

अग्नि, वायु, सागर, शिला भेद
हर शै: में खुद की राह बनाता हूँ
रखता हूँ अदम्य साहसिक बल
कर्मपूजा में अपना लहू चढ़ाता हूँ !!

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

निर्धन हूँ मैं धन से तो क्या
अंतर्मन से बड़े दिल वाला हूँ
हूँ मंजिल से अनजान तो क्या
जग की राह मैं बन जाता हूँ !!

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

मेरी मेहनत के पसीने से
बने तुम्हारे महल चौबारे
मठ, मजार, मंदिर, मस्जिद
गिरिजाघर और गुरुद्वारे
मैंने खुद को खोया इनमे
तब चमके ताज के गलियारे
किसने जानी मेरी कीमत
बस मिट्टी में खो रह जाता हूँ !!

क्यों देखे जग घृणा से, मैं नही कोई अत्याचारी हूँ !
दुनिया कहे मजदूर मुझे, पर मैं तो कर्म पुजारी हूँ !!

!
!
!
डी. के. निवातियाँ

Language: Hindi
575 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
Rambali Mishra
भारत है वो फूल (कविता)
भारत है वो फूल (कविता)
Baal Kavi Aditya Kumar
पर्यावरण
पर्यावरण
नवीन जोशी 'नवल'
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
Yogini kajol Pathak
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-171💐
💐प्रेम कौतुक-171💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Choose yourself in every situation .
Choose yourself in every situation .
Sakshi Tripathi
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
"नजीर"
Dr. Kishan tandon kranti
I am Me - Redefined
I am Me - Redefined
Dhriti Mishra
■ नहीं जानते थे
■ नहीं जानते थे
*Author प्रणय प्रभात*
*दो कुंडलियाँ*
*दो कुंडलियाँ*
Ravi Prakash
खूबसूरत है....
खूबसूरत है....
The_dk_poetry
राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में,
राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में,
जगदीश शर्मा सहज
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*हिन्दी बिषय- घटना*
*हिन्दी बिषय- घटना*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छाती पर पत्थर /
छाती पर पत्थर /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्यार जताने के सभी,
प्यार जताने के सभी,
sushil sarna
बोध
बोध
Dr.Pratibha Prakash
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
राधा अष्टमी पर कविता
राधा अष्टमी पर कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
आखिरी ख्वाहिश
आखिरी ख्वाहिश
Surinder blackpen
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...