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2 Mar 2018 · 1 min read

मच रही होली

दौड़ दौड़ गलियों में भागे,
रोड़ रोड़ निकले उससे आगे,
हौड़ हौड़ मची लगाने रंग,
छूट न पाए कोई अंग,
महकने लगी गांव की मिट्टी,
भुला दी आज सारी कट्टी,
देखो रे देखो आई टोली,
मच रही कितनी होली,
रंगों में लिपटी हर सूरत,
बूढ़े बच्चे सब पर है रंगत,
आज भाग चुके सारे दुःख,
कितना खुश है वो सुख,
नाच रहा उसका तन,
गा रहा होकर मगन,

।।।जेपीएल।।

Language: Hindi
166 Views
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