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29 Nov 2017 · 1 min read

मंज़िल

ये जीवन हैं जीवन में सब होना हैं
कुछ पाना हैं तो कुछ खोना हैं

थोड़ा उम्मीद हैं तो ना उम्मीदी भी
संघर्ष के पथ पर ऐसे बढ़ते जाना हैं

मंज़िलो का यहाँ कुछ पता नही
हमको खुद एक नयी राह बनाना हैं

सितारे भी चमकेंगे खुद एक दिन
आसमाँ में हमको अपना मकाँ पाना हैं

खुद की मंज़िल ख़ुद का रास्ता
इस जहाँ से आगे एक जहाँ बनाना हैं

ऊँचे ऊँचे महलो में जन्म से जिसने राज़ किया
कर्तव्य पथ पर बढ़ कर आगे मंज़िल को पाना हैं

मुफ़लिसी में गुज़र बसर किये,ख्वाब बड़े देखे हैं
खुद को हमने तपा दिया मुश्किल अब हराना हैं

जीवन पथ पर बढ़ते रहना,मंज़िल नयी मिलेगी तुझको
साथ मिलेंगे नये-नये तुझको,तुझे हरदम बढ़ते जाना हैं

गर तूने ये सोच लिया,अब मैं कुछ कर ना पाऊँगा
आकिब’हार गया जीवन से,मुश्किल मंज़िल मिल पाना हैं

®आकिब जावेद

Language: Hindi
200 Views
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