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9 Oct 2020 · 1 min read

मंद बयार

मंद बयार

मंद मंद बयार कानों में कुछ कह गई
ये तुम थे या तुम्हारी याद मुझे छू गई

शीतल सौरभ हवाओं की चादर लपेटे
यादों की भीनी ख़ुशबू से तन मन महके

चंचल हवा में उड़ते केश ज्यूँ तितलियाँ
बालों से खेल रही तेरी नटखट उंगलियाँ

पवन के झोंकों संग झूले मन का पालना
सन सनन सन हवा लोरी सी गयी गुनगुना

सहला गई मतवाली पवन कोमल कपोल
क्या संदेसा लायी इठलाती कुछ तो बोल

समीर यान पर बैठ पहुँचूँगी क्षितिज पार
मिले जहाँ धरा गगन वही करूँगी इन्तज़ार

रेखा

Language: Hindi
2 Comments · 365 Views
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