Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2017 · 1 min read

मंज़िल

वो मंजिल नई नही थी।
बस हौंसले की कमी थी ।
थे काँटे बहुत राह में ,
हर कदम तले चुभन बड़ी थी ।

सफ़र की मुश्किल घड़ी थी ।
बस एक उलझन बड़ी थी ।
धरता क़दम सम्हल कर पर ,
क़दम पड़ते सही नही थे ।

रास्ते थे खुशमुना ,छाँव भी घनी थी ।
पर नियत हर छाँव की भली नही थी ।
है राह बाँकी बहुत अभी बहुत ।
मंज़िल अभी मिली भी नही थी ।

चलता है “विवेक”बस चलता ही है ।
क्योकि मंज़िल कोई नई नही थी ।
….. विवेक दुबे ©…….
2/9/17

Language: Hindi
268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ काली
माँ काली
Sidhartha Mishra
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
sushil sarna
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3287.*पूर्णिका*
3287.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
प्रेम भाव रक्षित रखो,कोई भी हो तव धर्म।
प्रेम भाव रक्षित रखो,कोई भी हो तव धर्म।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
अश्क चिरैयाकोटी
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
श्री विध्नेश्वर
श्री विध्नेश्वर
Shashi kala vyas
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
एक नज़र में
एक नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
*रिवाज : आठ शेर*
*रिवाज : आठ शेर*
Ravi Prakash
आख़िरी मुलाकात !
आख़िरी मुलाकात !
The_dk_poetry
कभी
कभी
Ranjana Verma
सितारा
सितारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आसमां से आई
आसमां से आई
Punam Pande
■ सूफ़ियाना ग़ज़ल-
■ सूफ़ियाना ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
Loading...