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28 Mar 2021 · 1 min read

मंगरुआ

सरकार से गुहार लगावे मंगरुआ की बहुते मुश्किल से जीयत बा।।
कपड़ा लत्ता सब झिंगुर खा ग सुई लेके सीयत बा।

तेल नमक मसाला आटा कुछ भी नाही बा घरे में।
सत्तो बात कहत बानी अब का रखल बा डरे में।

ठेका देखा खुल गइल त सारा गरीबी दूर भइल,
उहे मंगरुआ ठेका पे जाके अंग्रेजी दारू पियत बा।।

सरकार से गुहार लगावे मंगरुआ की बहुते मुश्किल से जीयत बा।।।

-सिद्धार्थ पांडेय

Language: Hindi
Tag: लेख
461 Views
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