होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नील नभ पर उड़ रहे पंछी बहुत सुन्दर।
*"मुस्कराने की वजह सिर्फ तुम्हीं हो"*
💐अज्ञात के प्रति-120💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
पते की बात - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज
हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे ।
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
■ ऐसा लग रहा है मानो पहली बार हो रहा है चुनाव।
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।