भैया दूज मुक्तक
1222 1222 1222 1222
गुजारा साथ में बचपन बहन की याद आती है।
रहें बस याद ही उसकी चली वो दूर जाती है।
सजाये थाल बैठी है तिलक माथे लगाने को,
अमर भाई बहन का प्यार यही दुनियां कहाती है।
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गुजारा साथ में बचपन बहन की याद आती है।
रहें बस याद ही उसकी चली वो दूर जाती है।
सजाये थाल बैठी है तिलक माथे लगाने को,
अमर भाई बहन का प्यार यही दुनियां कहाती है।