जो भूल गये हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
शुभ दिन सब मंगल रहे प्रभु का हो वरदान।
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन साग भाजी बेचत रहिन
"ज़िंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक़ जीया करते है
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Whenever My Heart finds Solitude
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं