Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2016 · 2 min read

भूख —- लघु कथा

भूख

लघु कथा

मनूर जैसा काला, तमतमाया चेहरा,धूँयाँ सी मटमैली आँखें,पीडे हुये गन्ने जैसा सूखा शरीर ,साथ मे पतले से बीमार बच्चे का हाथ पकडे वो सरकारी अस्पताल मे डाक्टर के कमरे के आगे

लाईन मे खडा अपनी बारी की इन्तज़ार कर रहा था। मैं सामने खडी बडे देर से उसकी बेचैनी देख रही थी। मुझे लगा उसे जरूर कोई बडी तकलीफ है। वैसे तो हर मरीज बेचैनी और तकलीफ मे होता है मगर मुझे लगा कि उसके अन्दर जैसे कुछ सुलग रहा है, क्यों कि वो अपने एक हाथ की बन्द मुट्ठी को बार बार दबा रहा था– और बच्चा जब भी उसकी उस मुट्ठी को छूता वो उसे और जोर से बन्द कर लेता।मुझ से रहा न गया,सोचा पता नही बेचारे को कितनी तकलीफ हो,शायद मैं उसकी कुछ सहायता कर सकूँ।—

भाई साहिब क्या बात है?आप बहुत परेशान लग रहे हैं? मैने उससे पूछा।

* बहन जी कोई बात नही,बच्चा बिमार है, डाक्टर को दिखाना है। * वो कुछ संभलते हुये बोला।

फिर आप बच्चे को क्यों झकझोर रहे है, मुट्ठियाँ भीँच कर बच्चे पर गुस्सा क्यों कर रहे हैं?*

क्या बताऊँ बहन जी, मेरा बच्चा कई दिन से बीमार है। और भरपेट रोटी न दे सकने से भूख से भी बेहाल है।कुछ खाने के लिये मचल रहा है।इस बन्द मुट्ठी मे पकडे पैसों को जो कि मेरा दो दिन की कमाई है इसकी भूख से बचा रहा हूँ।इसे समझा भी रहा हूँ कि बेटा तेरे पेट की भूख से बडी पैसे की भूख है इन पैसों से डाक्टर की पैसे की भूख मिटाऊँगा तब तेरा इलाज होगा। भला गरीब का क्या दो दिन न भी खाने को मिले जी लेगा। मुझे डर है कि मेरी बारी आने से पहले मुझे इसकी भूख तडपा न जाये और डाक्टर की भूख पर डाका डाल ले। उसकी बात सुन कर मैं सोच रही हूँ कि जब डाक्टर को सरकार से तन्ख्वाह भी मिलती है फिर भी उसे पैसे की भूख है तो इस गरीब की दो दिन की कमाई केवल डाक्टर की फीस चुकाने मे लग जायेगी तो ये परिवार को खिलायेगा क्या??????????? क्या कोई डाक्टर जवाब दे सकेगा?

Language: Hindi
2 Comments · 1210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ एक प्रयास...विश्वास भरा
■ एक प्रयास...विश्वास भरा
*Author प्रणय प्रभात*
मन
मन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
Basant Bhagawan Roy
काली सी बदरिया छाई रे
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
आत्मविश्वास ही हमें शीर्ष पर है पहुंचाती... (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
Suryakant Dwivedi
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
कुछ उत्तम विचार.............
कुछ उत्तम विचार.............
विमला महरिया मौज
जिंदगी एक ख़्वाब सी
जिंदगी एक ख़्वाब सी
डॉ. शिव लहरी
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
विजय कुमार अग्रवाल
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"पुतला"
Dr. Kishan tandon kranti
*होली पर बनिए सदा, महामूर्ख सम्राट (कुंडलिया)*
*होली पर बनिए सदा, महामूर्ख सम्राट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
~~~~~~~~~~~~~~
~~~~~~~~~~~~~~
Hanuman Ramawat
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
goutam shaw
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
कविता
कविता
Alka Gupta
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
Loading...