Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 1 min read

**** भीषण गर्मी ****

**** भीषण गर्मी ****

यूँ गर्मी का रंग चढ़ा ,उल्का सी पड़ी है आँगन में ।

रुष्ठ हुए हैं इन्द्रदेव ,आग लगी है सावन में ।।

उत्पात मचा था उष्ण ऊर्जा का ,””’व्याकुलता चंडी घूम रही ।

ज्वाला के असंख्य अदृश थपेड़े ,”जिंदगानी निर्बस झेल रही । ।

मन की उद्दवेलित जिजिविषा को ,अशांत क्रांति करोंद चली ।

बहते पवन के लू प्रपंचों से , ”””””””””देह निगोड़ी रूठ चली । ।

ज्वर से पारा क्षितिज चढ़ा,””””””करे आंत्रशोध शक्ति हीना ।

सिर फोड़ दर्द की पीड़ा से ,”””’है कम्पित-संकित मन-वीणा । ।

व्याधि पर व्याधि राज रही ,””’जीवन -रथ डगमग है सारा ।

कहकहों भरी जीवन रेखा ””””””’,तृप्त है पीकर रस खारा । ।

पंचतत्व, पंचतत्व विलीन को ,”””””विद्युत गामी हो चला ।

शून्य सुरूपा सूर्य सुता पर ,”””””ज्यों मृत्यु अंकुरण हो पला । ।

देवलोक का पितृ दिवाकर ,”””””””’खेल अनल का खेल रहा ।

बिन पानी मीन सा जीवन , ””””””अग्नि- शूल को झेल रहा । ।

श्वांस -निश्वांस अटक-भटक के ,”’जीवन सुधा को तोल रहे ।

सुमधुर व्याख्यानी जिव्हा से ,”””’शब्द खंड-खंड हों बोल रहे । ।

******* सुरेशपाल वर्मा जसाला

Language: Hindi
706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खाटू श्याम जी
खाटू श्याम जी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
देवराज यादव
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
अवसर
अवसर
संजय कुमार संजू
शासन की ट्रेन पलटी
शासन की ट्रेन पलटी
*Author प्रणय प्रभात*
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
हम सब में एक बात है
हम सब में एक बात है
Yash mehra
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
अंधों के हाथ
अंधों के हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पर्यावरण
पर्यावरण
नवीन जोशी 'नवल'
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
किसी विमर्श के लिए विवादों की जरूरत खाद की तरह है जिनके ज़रि
किसी विमर्श के लिए विवादों की जरूरत खाद की तरह है जिनके ज़रि
Dr MusafiR BaithA
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो ओस की बूंदे और यादें
वो ओस की बूंदे और यादें
Neeraj Agarwal
सावन का महीना है भरतार
सावन का महीना है भरतार
Ram Krishan Rastogi
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
2498.पूर्णिका
2498.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
आपातकाल
आपातकाल
Shekhar Chandra Mitra
क्या मिला मुझको उनसे
क्या मिला मुझको उनसे
gurudeenverma198
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मैं चांद को पाने का सपना सजाता हूं।
मैं चांद को पाने का सपना सजाता हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
भगवान कहाँ है तू?
भगवान कहाँ है तू?
Bodhisatva kastooriya
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...