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27 Feb 2021 · 1 min read

भावना की तस्वीर

चेहरे की नहीं
आज मन के कैमरे में
तुम्हारी भावना की
तस्वीर उतारते हैं
तुम्हारे चेहरे के भाव और
तुम्हारी भावना का चेहरा
एक दूसरे से बिल्कुल
मेल नहीं खाते
एक जमीन है तो
दूसरा आसमान
एक दिन है तो
दूसरा रात
एक दोस्त है तो
दूसरा दुश्मन
एक अमीर है तो
दूसरा गरीब
अब दोनों में से पूरी तरह से
कौन क्या है
यह भेद मैं नहीं खोलूंगी
तुम क्या दिखाते हो और
क्या हो
बाहरी आवरण हटाओ तो
अंदर क्या छिपा है
यह सब रहस्य मैं किसी के
समक्ष नहीं खोलूंगी
मैं समझ गई हूं
मेरे प्रति तुम्हारे व्यवहार को
सौ फीसदी
एक आंख से दिखते
दिल से महसूस करते
बहते हुए पानी की तरह साफ
दृश्य की आत्मा सा
एक सच्चाई की कहीं भीतर जड़ें जमाते अस्तित्व की
गहराई की तरह
मेरे लिए बस यह सब
जानना पर्याप्त है
मैं नगर नगर
तुम्हारी असलियत के
नंगे चेहरे के रंगों का ढिंढोरा
नहीं पिटूंगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
350 Views
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