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17 Oct 2017 · 1 min read

भावनाएं नाजुक होती हैं,

वो मुझे रोकती रही,
और मैं आगे बढ़ गया,
वो मेरा जुनून था,
उसको डर,
तन्हाई बढ़ जाने का,

न मुझे कुछ मिला,
न उसे कुछ हासिल,

उसके अश्क
फिर भी मोतियों-सम सजे,
मुझे लोगों ने काफ़िर कहा,

डॉ महेंद्र सिंह खालेटिया,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 468 Views
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