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26 Jul 2020 · 1 min read

भारत माता

मैं तलवार हु उस मयार की,
जो महाराजाओं के महलो मे रहती है //

मैं लफ्ज हु उन कवियों की,
जो उनकी कविताओं मे बहती है //

मैं बखान हु उन किताबों की,
जो ग्रंथो मे लिखी होती है //

मैं वो मीठी बोली हु,
जो हिर्दय रुपी सागर मे बहती है //

मैं खुसबू हु उस मिट्टी की,
जो भारत भूमि मे मिलती है //

मैं गर्म रक्त हु, उन वीर जवानो की,
जो युद्ध की रणभूमि मे मिलती है //

मैं पसीना हु, उन किसानो की,
जो खेतो मे परिश्रम करने पर निकलती है //

मैं आवाज हु, उन नवजात बच्चियों की,
जो बचपन मे कोख मे ही, मार दी जाती है //

मैं ज्ञान की देवी हु, जो ऋषि-मुनियो के लबो मे होती है,
मैं ही वो भारत माता हु, जो सकल विश्व मे पूजी जाती है //
मैं ही वो भारत माता हु, जो सकल विश्व मे पूजी जाती है //

~:कविराज श्रेयस सारीवान

Language: Hindi
3 Likes · 10 Comments · 525 Views
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