भगवान
ये सब हमें जिसने सिखाया है
उन सब पर भगवान की ही माया है ,
उनके अस्तित्व को अस्वीकारना बड़ा कठिन है
मनुष्य योनी का जन्म ही बड़ा जटिल है ,
वही देता है हिम्मत सब सहने की
वही देता है सोच प्रश्न पूछने की ,
कुछ क्षण भले ही उसको नकार दो
वो नही कहता उसको स्वीकार लो ,
तुम जिसको पूजते हो भगवान मान कर
आखिर वो भी तो भगवान है उसकी जगह पर ,
इस शब्द को कैसे तुम हटाओगे
उसे ना सही किसी और को भगवान कह कर बुलाओगे ,
कितनी आसानी से अपनी जगह हमें दे देते है
वक्त पड़ने पर मनुष्य योनी में जन्म भी ले लेते है ,
वो मनुष्य के अस्तित्व को दिल से स्वीकारते हैं
हम बात – बात पर उनका ही अस्तित्व नकारते हैं ,
वो तो हर युग में जन्म ले हमारे साथ खड़े हो जाते हैं
हम क्या एक क्षण को भी भगवान बन पाते हैं ?
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 20/01/2020 )