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23 Sep 2021 · 1 min read

बड़े अच्छे लगते थे तुम

बड़े अच्छे लगते थे तुम
जब दूर थे मुझसे
अब न पास हो
न दूर हो
जाने कहां हो
किस दुनिया में
किस हाल में
मेरा हाल तो अब तुम कभी
पूछते नहीं
भूले भटके भी
मैं तो अब तुम्हारी शक्ल भी
भूलने लगी हूं
मिल जाओ कभी
ख्वाबों में
तो कृपया करके बुरा मत मानना
मैं तुम्हें पहचानूंगी नहीं
क्या अच्छा होता
पहले दिन की मुलाकात से
मैंने तुम्हें कहीं ठीक से जान
लिया होता
पहचान लिया होता
तो आज मैं इतना
तड़पती नहीं
पछताती नहीं
जिन्दगी से हार जाती नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
430 Views
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