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9 Jan 2018 · 1 min read

*बोटी बोटी ले जा रे*

किंचित भी ना मुझे छोड़ना, बोटी बोटी ले जा रे ।
मेरी क्या है ?मैं तुच्छ तुम्हें,शब्द और थुक जा रे ।।
ढक लूंगा चीथड़ों से शर्म,
ले लूंगा आड़ पत्थरों की मैं
तू कमर कछोटी ले जा रे ।।
किंचित ————————————————।1।

में तो भूखे भी रह लूंगा
साड़ी तड़पन को सह लूंगा
आने दे आँखों तले अँधेरा
तू चूल्हा रोटी ले जा रे ।
किंचित————————————————-।2।

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