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9 Mar 2021 · 1 min read

बैठे हैं खसारा करके

शम्स कमर भी तेरे आगे धुंधले से लगे थे
देखा जो एक रात गौर से नज़ारा करके।

इज़हार-ए-इश्क़ की जब ताब ना हुई हमें
कह दी हमने फिर हर बात इशारा करके।

हमने खुद को ही मुसीबत में डाल दिया,
ऐ बेवफा तेरी मोहब्बत को गंवारा करके।

मंज़िल तो क्या चंद कदम साथ ना चला
मुड़ गया मोड़ वो मुझसे किनारा करके।

तुझसे वाबस्तग़ी के नशे में थे चूर इतना,
नज़र ही ना आया बैठे हैं ख़सारा करके।

#_MadeehaAyyaz”Farida”✍?

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