Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2017 · 1 min read

“बेवफ़ाई”

“बेवफ़ाई”
मुहब्बत में नज़र फ़िसली, दिले नादान ना माना।
बसाया रूप आँखों में लुटाया प्यार दीवाना ।
निगाहें फेरकर उसने हवा का रुख बदल डाला।
चुराए ख़्वाब आँखों के कहूँ किससे ये अफ़साना।

गिराके बूँद सावन में जलाया आशियाँ मेरा।
लगाके आग दरिया में मिला क्या तुझको ऐ जाना ?
किया छलनी कलेजा बेवफ़ा ने तीर से मेरा।
सुनाऊँ मैं भला कैसे जुदाई का सबब जाना!

यही सब्रे मुहब्बत इंतहाँ तुझको बतानी है।
इबादत कर रहा तेरी, जुनूँ है इश्क को पाना।
रहो आबाद करके बेवफ़ाई तुम सनम हमसे।
निभाएँगे सदा तुमसे मुहब्बत मरके ऐ जाना!

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका-“साहित्य धरोहर”
महमूरगंज ,वाराणसी(मो.-9839664017)

Language: Hindi
1 Like · 330 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
हमारा देश भारत
हमारा देश भारत
surenderpal vaidya
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
चन्द्र की सतह पर उतरा चन्द्रयान
नूरफातिमा खातून नूरी
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
Surinder blackpen
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क की गलियों में
इश्क की गलियों में
Dr. Man Mohan Krishna
3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
लक्ष्मी सिंह
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कुछ कहूं ना कहूं तुम भी सोचा करो,
कुछ कहूं ना कहूं तुम भी सोचा करो,
Sanjay ' शून्य'
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
आर.एस. 'प्रीतम'
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
AJAY AMITABH SUMAN
वो अनुराग अनमोल एहसास
वो अनुराग अनमोल एहसास
Seema gupta,Alwar
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
Ahtesham Ahmad
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जनक दुलारी
जनक दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...