Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2020 · 1 min read

बेलन का कहर (कुण्डलिया)

बेलन से डरते यहीं, कहता सच्ची बात।
कपड़ा फीछत दिन गया, पाव दबाते रात।।
पाव दबताते रात, कठिन है जीवन इनका।
बिखर गये सरकार, बिनते तिनका तिनका।।
कहे सचिन सुन भ्रात, पड़ोसन इनकी हेलन।
जिसके कारण नित्य, खिलाती भाभी बेलन।।

अच्छे अच्छों की सही, घीग्घी बधती आज।
हर घर में बस बेलन का, दिखता है जी राज।।
दिखता है जी राज, कहाँ समझे अधिवक्ता।
बनते सभी गुलाम, हो वक्ता या प्रवक्ता।।
कहे सचिन सुन भ्रात, दिखे अधिवक्ता कच्चे।
बेलन खाकर यार, कहे सब अच्छे अच्छे।।

बेलन के बस जोर से, डरने लगा वकील।
न्यायधीश से कह रहा, अच्छा है मुवक्किल।।
अच्छा है मुव्वकिल, डरूं पत्नी से अपने।
पत्नी की सरकार, दिखे बेलन के सपने।।
अधिवक्ता को आज, लगे वादी ही हेलन।
बीवी है विकराल, दिखे बेलन ही बेलन।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार

3 Likes · 363 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
दोहे
दोहे
सत्य कुमार प्रेमी
गौरी।
गौरी।
Acharya Rama Nand Mandal
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नसीब
नसीब
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
काम दो इन्हें
काम दो इन्हें
Shekhar Chandra Mitra
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
Manju sagar
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
मेहनत तुम्हारी व्यर्थ नहीं होगी रास्तो की
कवि दीपक बवेजा
"फासला और फैसला"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
दिल पर किसी का जोर नहीं होता,
Slok maurya "umang"
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
Shweta Soni
तुम से सुबह, तुम से शाम,
तुम से सुबह, तुम से शाम,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
*मारीच (कुंडलिया)*
*मारीच (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2564.पूर्णिका
2564.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"साजन लगा ना गुलाल"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
मोहता है सबका मन
मोहता है सबका मन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कितना बदल रहे हैं हम
कितना बदल रहे हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
दरक जाती हैं दीवारें  यकीं ग़र हो न रिश्तों में
दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
Mahendra Narayan
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
■ याद रहे...
■ याद रहे...
*Author प्रणय प्रभात*
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
Dr. Man Mohan Krishna
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गांव
गांव
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
Loading...