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7 Jul 2017 · 3 min read

बेरोजगारी

मिलकर आओ बेरोजगार
अपने हक के लिए लड़ो यार,
आओ छेड़े मुहीम
बेरोजगारी के खिलाफ़;
मंत्रियों तक पहुचाये अपनी आवाज
पूछे हम क्या खायेंगे क्या पियेंगे
या निठ्ठले बन यूँ ही जीवन गुजारेंगे
और गरीबी में मर जायेंगे,
रोजगार के लिए तरसते तरसते।।

नही ऐसा नही होगा
हमे आवाज उठानी होगी
बहरे मंत्रियों तक ये बात पहचानी होगी
विकास करो या जी.एस.टी लाओ
देश विदेश घुमो या करोड़ो का कोट पहनों
साथ बनियों का दो या गरीबों का
अच्छे दिन लाओं या कला धन
महँगाई में चाँद सितारे लागाओ या महंगाई घटाओ
भ्रष्टाचारी खत्म करो या घर भरो
सिंहासन प्रेमी हो या देशप्रेमी
चाहे जितने झूठे-सच्चे वादे कर लो;
हम बेरोजगार है बेरोजगार ही कहलायेंगे
नोटबंधी से बढ़ोतरी हुयी बेरोगारों में
कमी नही हुयी बेरोजगारों की
युवा कल भी बेरोजगार थे आज भी है
भविष्य कल भी अंधकार में था आज भी है
जाने किसके जीवन में अच्छे दिन आये।।

जॉब भी मिले है ठेके की
ठेके की प्रथा से भला किसका होवे
जहाँ देखो ठेका ही ठेका है
कम्पनियों में शोषण ही शोषण है,
कब रखा कब निकल दिया
बोंड के रूप में डिग्री या चेक लेते
हम भाग जायेगे,उसे ये लगता है
पुरे महीने है काम हम करते
बिना सेलरी लिए कैसे भाग जायेंगे
अरे भाग तो वो भी सकता है कपनी बंद करके
नियम सिर्फ एप्लोयी पर ही क्यों थोपे है
जबाब दारी दोनों तरफ बनती है;
लेबर कोर्ट में जाओगे जूते घिस जायेंगे
महिना दो महिना जो कमाया वो भी गवाओगे
हमे इक्कठा होकर लड़ना होगा
इडिया गेट,जन्तर-मंतर पे धरना-धरना होगा
राष्ट्रपति-प्रधानमन्त्री भवन,संसद पे चिल्लाना होगा;
कबतक यू इंतजार करोंगे
महीने दो महीने के नौकरी करोगे
आज तुम अकेलों हो कल जिम्मेवारी होगी
पल्ला जो यू झाड़ते हो कर भी क्या सकते है
आवाज उठाओ, हक है हमारा रोजगार पाने का
भाषा भेद भी है तरक्की में रुकावट
मृत घोषित कर दो इस भाषा को
काहे कि राजभाषा; मुहँ बोली राष्ट्रभाषा
स्कूल-कॉल्लेग से बाहर निकालो
हमे गाँव-शहर में हल्ला करना होगा।।

पहल हमे ही करनी होगी
भविष्य में ना बीते हमारे बच्चो पर
जो हमपे बीत रहा
शिक्षा जैसे हमे मिली है
हम भी मजबूरन वैसी शिक्षा दिलायेंगे
क्युकी हमारी आय ही ऐसी है,ऐसी होगी;
उनको क्या लेना देना, अंग्रेजी में जो पढ़ते है
बड़े स्कोल-कॉल्लेजो में तालीम लेते
हम सरकारी में पढ़ने वाले
स्थिति क्या है शिक्षा की, हमसे बेहतर कौन जाने
डिग्री इक्कठा करके भी बेरोजागार है बैठे,
कभी-कभी आया राम गया राम कि कहानी दोहराते
शिक्षा ही हमारी ऐसी है, ये भी एक साज़िश है;
हमे हार नही मानना होगा
बेरोज़गारी के खिलाफ आवाज उठाना होगा
नही तो नौबत ऐसी आ जायेंगी, किसानों सा मरना होगा
चोर लुटेरे डाकुओ में बढ़ोतरी होगी
थानों के चक्कर लगाओगे, अपराधी कहलाओगे
वो गधे भी बोलेंगे, काम-धाम क्यों नही करते
जो अंग्रेजी के सिवा अन्य भाषा में बात नही करते
स्तिथी ना ऐसी आये, आवाज उठाना होगा
बेरोजगारी के खिलाफ हमे लड़ना होगा।।

रातो रात है कितने फैसले आये
सालों साल से बैठे बेरोजगार
सेवक को नजर ना आये;
देश के कोने कोने में क्रांति चाहिए
आग़ उगलो, तहस नहस करों
आम जनता और सडको पर नही
वर्षो, हाथ जिनके सत्ता-पवार है
कहर वहाँ ढाओ जहाँ घर है इनके
फिर देखो कैसे रिजल्ट आता है,
विकास विकास विकास चिल्लाते ढोंगी
जब देश का युवा बेरोजगार है
कैसा कैसा कैसा विकास है
जरूरी है क्रांति बेरोजगारों की
क्रांति क्रांति क्रांति सिर्फ और सिर्फ क्रांति।।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 627 Views
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