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14 Mar 2021 · 1 min read

बेबफ़ा

पिघलना था मेरी रूह को, मगर मेरी आँखें पिघल गयी ।
तुझे दूर जाते हुए देखकर, मेरी तबियत बिगड़ गयी ।।

दुःखी दिल से आया था, मुलाकात करने तुझसे ।
तेरी सहेलियों देखकर, मेरी नियत बिगड़ गयी ।।

ये आखिरी मुलाकात होती, जो तू मुझे अकेली मिलती ।
हसीन सहेलियां देखकर, तेरी गली में मेरी अबाजाही बढ़ गयी।।

सोचता था मैं कि खुशनशीब था पाकर तेरे साथ को ।
तेरी सखियां देखकर, मेरी सोच गलती में बदल गयी।।

शुक्रिया तेरा जो तू मुझे मिली और दगा देकर चली गयी ।
अपनी सखियों से बात करने की शुरुआत देकर चली गयी ।।

मिलना बिछड़ना तो जिन्दगी का खेल है मेरे दोस्त ।
मगर तू इतनी हसीन शुरुआत देकर चली गयी।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 465 Views
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